What is DTD (Document Type Definition) in Hindi
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Document Type Definition (DTD) in Hindi
What is DTD (Document Type Definition) in Hindi
Document Type Definition (DTD) का परिचय
DTD (Document Type Definition) एक ऐसी तकनीक है जो HTML, XML जैसे दस्तावेजों की संरचना और नियमों को परिभाषित करती है। इसे एक तरह से दस्तावेज़ की "Blueprint" (आधार रेखा) कहा जा सकता है। यह यह निर्धारित करता है कि दस्तावेज़ में कौन से तत्व (Elements) और गुण (Attributes) मौजूद हो सकते हैं और उनका सही ढंग से उपयोग कैसे किया जा सकता है। DTD को दस्तावेज़ के ऊपर से जोड़ा जाता है और यह सुनिश्चित करता है कि दस्तावेज़ सही संरचना और स्वरूप में हो।
Types of DTD: Internal and External in Hindi
DTD के प्रकार
DTD मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
- Internal DTD: Internal DTD तब होता है जब DTD को उसी दस्तावेज़ के अंदर ही परिभाषित किया जाता है। इसे डॉक्युमेंट के अंदर ही रखा जाता है, जिससे दस्तावेज़ की संरचना तुरंत स्पष्ट होती है। यह सामान्यत: छोटे दस्तावेज़ों के लिए उपयोगी होता है।
- External DTD: External DTD को अलग से किसी बाहरी फ़ाइल में रखा जाता है और उसे दस्तावेज़ में लिंक किया जाता है। यह बड़े और जटिल दस्तावेज़ों के लिए उपयोगी होता है, क्योंकि एक ही DTD को कई दस्तावेज़ों में साझा किया जा सकता है।
DTD Syntax and Rules in Hindi
DTD की संरचना और नियम
DTD की संरचना और नियम दस्तावेज़ के लिए सही दिशा निर्धारित करते हैं। DTD लिखते समय कुछ सामान्य नियम होते हैं जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है।
- DTD के तत्व: DTD में तत्वों को परिभाषित किया जाता है, जिन्हें
<element>
टैग के माध्यम से लिखा जाता है। उदाहरण के लिए:<element name="student"> <!ELEMENT student (name, rollno)>
. - DTD में अनुशासन: DTD के नियमों में यह निर्दिष्ट किया जाता है कि किस तरह के तत्व अन्य तत्वों के अंदर हो सकते हैं। तत्वों के बीच संबंध (relationship) को भी परिभाषित किया जाता है।
- वैकल्पिक और आवश्यक तत्व: DTD में आप किसी तत्व को वैकल्पिक (optional) या आवश्यक (mandatory) बना सकते हैं। उदाहरण:
<element name="address" minOccurs="1">
(यह तत्व आवश्यक है) और<element name="phone" minOccurs="0">
(यह वैकल्पिक है)।
Defining Elements and Attributes in DTD in Hindi
DTD में तत्वों और गुणों की परिभाषा
DTD में तत्वों और गुणों की परिभाषा महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इनसे ही दस्तावेज़ की संरचना निर्धारित होती है।
- Element Definition: किसी तत्व को परिभाषित करने के लिए हम
<element>
टैग का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए:<element name="book">
. - Attribute Definition: DTD में तत्वों को गुण (attributes) भी दिए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए:
<element name="book"> <attribute name="isbn" type="string">
. - Elements with Attributes: जब एक तत्व के साथ गुण होते हैं, तो हम उन्हें इस प्रकार परिभाषित करते हैं:
<element name="book"> <attribute name="isbn" type="string">
.
Advantages and Limitations of DTD in Hindi
DTD के फायदे और सीमाएँ
DTD के कुछ फायदे और सीमाएँ हैं, जिनसे हमें इसे सही तरीके से उपयोग करने में मदद मिलती है।
- फायदे:
- डेटा की संरचना को नियंत्रित करता है: DTD दस्तावेज़ की संरचना को सुसंगत और मानक बनाता है।
- डेटा की वैधता सुनिश्चित करता है: DTD यह सुनिश्चित करता है कि दस्तावेज़ में सही डेटा और तत्व मौजूद हैं।
- सीमाएँ:
- लचीलापन की कमी: DTD में ज्यादा लचीलापन नहीं होता है और जटिल डेटा संरचनाओं के लिए यह पर्याप्त नहीं होता।
- एक्सटेंडेड क्षमता की कमी: DTD में बहुत सारी सुविधाएं नहीं होती हैं, जैसे कि डेटा टाइप परिभाषाएँ (जैसे XML Schema) जैसी।
FAQs
DTD (Document Type Definition) एक तकनीक है जो HTML और XML जैसे दस्तावेज़ों की संरचना और नियमों को परिभाषित करती है। यह दस्तावेज़ की वैधता को सुनिश्चित करने में मदद करती है और यह बताती है कि दस्तावेज़ में कौन से तत्व और गुण हो सकते हैं।
DTD मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
- Internal DTD: जब DTD को दस्तावेज़ के अंदर ही परिभाषित किया जाता है।
- External DTD: जब DTD को एक बाहरी फ़ाइल में रखा जाता है और दस्तावेज़ में लिंक किया जाता है।
DTD की संरचना में <element>
टैग का उपयोग करके तत्वों की परिभाषा दी जाती है। DTD में नियम होते हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि कौन से तत्व एक-दूसरे के अंदर हो सकते हैं। उदाहरण के लिए: <element name="student"> <!ELEMENT student (name, rollno)>
.
DTD में elements (तत्व) वे चीजें होती हैं जो दस्तावेज़ में उपस्थित होती हैं, जैसे कि <book>
। Attributes (गुण) तत्वों को अधिक विवरण देने के लिए होते हैं, जैसे कि <element name="book"> <attribute name="isbn">
.
DTD के फायदे यह हैं कि यह दस्तावेज़ की संरचना को नियंत्रित करता है और डेटा की वैधता सुनिश्चित करता है। DTD दस्तावेज़ को मानक और सुसंगत बनाता है, जिससे डेटा आसानी से मापा और संग्रहित किया जा सकता है।
DTD की सीमाएँ हैं कि इसमें अधिक लचीलापन नहीं होता है, जैसे कि जटिल डेटा संरचनाओं के लिए यह पर्याप्त नहीं है। DTD में डेटा टाइप परिभाषाएँ जैसी सुविधाएँ नहीं होतीं, जो कि XML Schema जैसी नई तकनीकों में उपलब्ध हैं।
- Internal DTD: जब DTD को दस्तावेज़ के अंदर ही परिभाषित किया जाता है।
- External DTD: जब DTD को एक बाहरी फ़ाइल में रखा जाता है और दस्तावेज़ में लिंक किया जाता है।
FAQs
DTD (Document Type Definition) एक तकनीक है जो HTML और XML जैसे दस्तावेज़ों की संरचना और नियमों को परिभाषित करती है। यह दस्तावेज़ की वैधता को सुनिश्चित करने में मदद करती है और यह बताती है कि दस्तावेज़ में कौन से तत्व और गुण हो सकते हैं।
DTD मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
DTD की संरचना में <element>
टैग का उपयोग करके तत्वों की परिभाषा दी जाती है। DTD में नियम होते हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि कौन से तत्व एक-दूसरे के अंदर हो सकते हैं। उदाहरण के लिए: <element name="student"> <!ELEMENT student (name, rollno)>
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DTD में elements (तत्व) वे चीजें होती हैं जो दस्तावेज़ में उपस्थित होती हैं, जैसे कि <book>
। Attributes (गुण) तत्वों को अधिक विवरण देने के लिए होते हैं, जैसे कि <element name="book"> <attribute name="isbn">
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DTD के फायदे यह हैं कि यह दस्तावेज़ की संरचना को नियंत्रित करता है और डेटा की वैधता सुनिश्चित करता है। DTD दस्तावेज़ को मानक और सुसंगत बनाता है, जिससे डेटा आसानी से मापा और संग्रहित किया जा सकता है।
DTD की सीमाएँ हैं कि इसमें अधिक लचीलापन नहीं होता है, जैसे कि जटिल डेटा संरचनाओं के लिए यह पर्याप्त नहीं है। DTD में डेटा टाइप परिभाषाएँ जैसी सुविधाएँ नहीं होतीं, जो कि XML Schema जैसी नई तकनीकों में उपलब्ध हैं।