Notes in Hindi

Android Alarm Manager in Hindi

RGPV University / DIPLOMA_CSE / MOBILE COMPUTING

Android Alarm Manager in Hindi

Android Alarm Manager एक महत्वपूर्ण टूल है, जो एंड्रॉइड ऐप्स को बैकग्राउंड में टाइम-बेस्ड टास्क शेड्यूल करने की सुविधा देता है। यह तब काम आता है जब आपको किसी निश्चित समय पर कोड को ऑटोमैटिकली रन कराना हो, भले ही ऐप फोरग्राउंड में हो या नहीं। इसके ज़रिए आप नोटिफिकेशन भेज सकते हैं, बैकग्राउंड सर्विस स्टार्ट कर सकते हैं और अन्य ज़रूरी टास्क कर सकते हैं। इस ब्लॉग में, हम इसके वर्किंग, प्रकार, फायदे और नुकसान को विस्तार से समझेंगे।

What is Android Alarm Manager in Hindi

Android Alarm Manager एक ऐसा टूल है, जो एंड्रॉइड ऐप्स को Background Tasks शेड्यूल करने की सुविधा देता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी ऐप को एक Specific Time या Interval पर कोई कार्य (Task) करना हो, भले ही ऐप उस समय चल रही हो या ना हो। यह खासतौर पर Reminder Apps, Notification Systems और Automated Background Processes के लिए बहुत उपयोगी होता है।

Android Alarm Manager कैसे काम करता है?

जब आपको अपने ऐप में कोई Scheduled Task चलाना हो, तो आप Android Alarm Manager का उपयोग कर सकते हैं। यह AlarmManager API के ज़रिए काम करता है, जिसमें आप एक PendingIntent सेट करते हैं। जब आपका सेट किया गया समय पूरा हो जाता है, तो यह Intent ट्रिगर होता है और आपके द्वारा दी गई BroadcastReceiver या Service को एक्टिव कर देता है।

Android Alarm Manager का उपयोग कहां किया जाता है?

  • अगर किसी ऐप में Automatic Data Sync करवाना हो, जैसे कि Cloud Backup Apps।
  • जब किसी Reminder या Notification को निश्चित समय पर दिखाना हो, जैसे कि Alarm Apps।
  • Background में Periodic Tasks रन करवाने के लिए, जैसे कि Weather Update या Live Score Update।
  • कोई Automated Task जैसे कि Scheduled SMS या Email भेजना।
  • जब ऐप को किसी विशेष समय पर Background में Service Start करनी हो।

Android Alarm Manager के मुख्य Components

1. AlarmManager: यह मुख्य API है, जिसका उपयोग करके हम Alarms को सेट करते हैं। 2. PendingIntent: यह एक Token की तरह काम करता है, जो System को बताता है कि किस Intent को कब ट्रिगर करना है। 3. BroadcastReceiver: जब Alarm ट्रिगर होता है, तो यह कंपोनेंट एक्टिवेट हो जाता है और कोड एक्सीक्यूट करता है। 4. Services: अगर आपको Background Task रन करवाना हो, तो आप इसे Service के साथ भी जोड़ सकते हैं।

Android Alarm Manager के प्रकार

Alarm Type काम करने का तरीका
RTC (Real-Time Clock) यह डिवाइस के रियल-टाइम पर आधारित होता है और केवल तभी चलता है जब डिवाइस ऑन होता है।
RTC_WAKEUP यह डिवाइस को नींद (Sleep Mode) से जगाकर ट्रिगर होता है, यानी कि डिवाइस ऑफलाइन भी हो तब भी यह काम करेगा।
ELAPSED_REALTIME यह डिवाइस के Boot होने के बाद से समय गिनता है और तभी चलता है जब डिवाइस ऑन हो।
ELAPSED_REALTIME_WAKEUP यह ELAPSED_REALTIME जैसा ही है लेकिन यह डिवाइस को नींद से भी जगा सकता है।
EXACT ALARM यह एक सटीक समय पर ट्रिगर होता है, लेकिन बैटरी पर इसका ज्यादा असर पड़ता है।

Android Alarm Manager का उदाहरण (Code)

नीचे एक सिंपल Example दिया गया है, जो एक Alarm सेट करता है , जो हर 5 सेकंड में ट्रिगर होता है:

AlarmManager alarmManager = (AlarmManager) getSystemService(Context.ALARM_SERVICE); Intent intent = new Intent(this, MyBroadcastReceiver.class); PendingIntent pendingIntent = PendingIntent.getBroadcast(this, 0, intent, 0); alarmManager.setRepeating(AlarmManager.RTC_WAKEUP, System.currentTimeMillis(), 5000, pendingIntent);

निष्कर्ष

Android Alarm Manager एंड्रॉइड ऐप्स में Automated Tasks को सेट करने के लिए एक बहुत उपयोगी टूल है। यह खासतौर पर उन ऐप्स में ज़रूरी होता है, जहां Scheduled Events, Notifications, या Background Tasks होते हैं। हालांकि, इसका सही से उपयोग करना ज़रूरी है, क्योंकि बार-बार अनावश्यक अलार्म सेट करने से Battery Drain हो सकता है। इसलिए, हमेशा Optimized Alarms सेट करें और जरूरत के अनुसार ही इसे उपयोग में लें।

Working of Android Alarm Manager in Hindi

Android Alarm Manager का मुख्य काम किसी भी एंड्रॉइड ऐप में Scheduled Tasks को ऑटोमैटिक तरीके से रन कराना होता है। जब हमें किसी ऐप में कोई कार्य (Task) एक Fixed Time पर या Repeating Interval में करना हो, तो हम इस मैनेजर का उपयोग कर सकते हैं। यह तब भी काम करता है जब ऐप बैकग्राउंड में हो या पूरी तरह बंद हो।

Android Alarm Manager कैसे काम करता है?

जब हम AlarmManager API का उपयोग करके कोई Alarm Set करते हैं, तो यह एक Intent ट्रिगर करता है, जो पहले से तय किए गए समय पर एक्टिव होता है। यह Intent किसी BroadcastReceiver को कॉल करता है, जो उस समय होने वाले कार्य को निष्पादित करता है।

आसान शब्दों में कहें तो, जब आप कोई Task सेट करते हैं, तो Android System इसे एक टाइमर की तरह स्टोर कर लेता है। जैसे ही वह समय पूरा होता है, सिस्टम आपके बताए गए Receiver, Service या Activity को रन कर देता है।

Android Alarm Manager के मुख्य कार्य

  • कोई कार्य Fixed Time पर करना, जैसे कि Daily Notification भेजना।
  • कोई कार्य Repeated Interval में करना, जैसे कि हर 5 मिनट में Background Sync कराना।
  • किसी कार्य को Device के Restart होने के बाद फिर से शेड्यूल करना।
  • ऐसे कार्य करवाना, जो डिवाइस के Sleep Mode में भी काम करें, जैसे कि Alarm Apps।

Android Alarm Manager की Working Process

जब कोई ऐप Android Alarm Manager का उपयोग करके Alarm Set करता है, तो उसकी प्रक्रिया निम्नलिखित होती है:

Step Explanation
1. Alarm Set करना सबसे पहले, हम AlarmManager API का उपयोग करके एक अलार्म सेट करते हैं। इसमें हमें समय, Repeating Interval और Intent देना होता है।
2. PendingIntent तैयार करना Alarm Trigger होने पर हमें किस कार्य को Execute करना है, यह बताने के लिए एक PendingIntent तैयार किया जाता है। यह Intent किसी BroadcastReceiver, Service, या Activity को Call कर सकता है।
3. Alarm Trigger होना जब सेट किया गया समय पूरा होता है, तो Android System इस Alarm को ट्रिगर करता है और Intent एक्टिवेट हो जाता है।
4. Task Execution Trigger होते ही BroadcastReceiver एक्टिव होता है और वह कोड Execute करता है, जो हमने Alarm सेट करते समय डिफाइन किया था।

Android Alarm Manager का Code Example

नीचे एक उदाहरण दिया गया है, जिसमें Android Alarm Manager का उपयोग करके एक Repeating Alarm सेट किया गया है, जो हर 10 सेकंड में एक BroadcastReceiver को ट्रिगर करेगा।

AlarmManager alarmManager = (AlarmManager) getSystemService(Context.ALARM_SERVICE); Intent intent = new Intent(this, MyBroadcastReceiver.class); PendingIntent pendingIntent = PendingIntent.getBroadcast(this, 0, intent, PendingIntent.FLAG_UPDATE_CURRENT); alarmManager.setRepeating(AlarmManager.RTC_WAKEUP, System.currentTimeMillis(), 10000, pendingIntent);

निष्कर्ष

Android Alarm Manager एक बेहद उपयोगी टूल है, जो एंड्रॉइड ऐप्स में Automated Tasks और Scheduled Events को संचालित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह विशेष रूप से उन ऐप्स के लिए जरूरी है, जिनमें Background Processes, Notifications, और Periodic Updates की आवश्यकता होती है।

हालांकि, अगर इसे गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह डिवाइस की Battery Performance पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, हमेशा सही तरीके से Efficient Scheduling करें और अनावश्यक अलार्म सेट करने से बचें।

Types of Alarm Manager in Android in Hindi

Android Alarm Manager एक महत्वपूर्ण API है, जो ऐप्स को Scheduled Tasks चलाने की सुविधा देता है। यह तब भी कार्य करता है, जब ऐप बैकग्राउंड में हो या डिवाइस Sleep Mode में चला जाए। इसकी मदद से हम किसी भी कार्य को एक Fixed Time पर या Repeated Interval में ट्रिगर कर सकते हैं। लेकिन, हर स्थिति के लिए एक अलग Alarm Type होता है, जिसे समझना बहुत जरूरी है।

Android में कितने प्रकार के Alarm Manager होते हैं?

Android Alarm Manager मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं। हर प्रकार का अपना एक अलग उपयोग और व्यवहार होता है। इन्हें सही तरीके से समझना जरूरी है, ताकि आप अपनी एप्लिकेशन में सबसे उपयुक्त Alarm Type का चयन कर सकें।

Alarm Type काम करने का तरीका
RTC (Real Time Clock) यह अलार्म डिवाइस के Real-Time Clock (RTC) पर आधारित होता है और सेट किए गए Exact Time पर ट्रिगर होता है। लेकिन यह तभी चलेगा जब डिवाइस Awake Mode में होगा।
RTC_WAKEUP यह भी Real-Time Clock पर आधारित होता है, लेकिन यह डिवाइस को Wake Up भी कर सकता है। अगर डिवाइस Sleep Mode में भी हो, तब भी यह अलार्म ट्रिगर होगा और प्रोसेस को चालू करेगा।
ELAPSED_REALTIME यह अलार्म डिवाइस के Boot Time से गिने जाने वाले समय पर आधारित होता है। यानी जब से डिवाइस ऑन हुआ है, तब से जितना समय बीत चुका है, उसी के आधार पर यह अलार्म ट्रिगर होगा। लेकिन यह डिवाइस को Wake Up नहीं करता है।
ELAPSED_REALTIME_WAKEUP यह भी Elapsed Time पर आधारित होता है, लेकिन इसमें डिवाइस को Wake Up करने की क्षमता होती है। यानी अगर डिवाइस Sleep Mode में भी है, तब भी यह अलार्म प्रोसेस को चालू कर सकता है।

Alarm Manager Types का Code Example

नीचे एक कोड दिया गया है, जिसमें RTC_WAKEUP टाइप का अलार्म सेट किया गया है, जो हर 5 मिनट में BroadcastReceiver को ट्रिगर करेगा।

AlarmManager alarmManager = (AlarmManager) getSystemService(Context.ALARM_SERVICE); Intent intent = new Intent(this, MyBroadcastReceiver.class); PendingIntent pendingIntent = PendingIntent.getBroadcast(this, 0, intent, PendingIntent.FLAG_UPDATE_CURRENT); alarmManager.setRepeating(AlarmManager.RTC_WAKEUP, System.currentTimeMillis(), 5 60 1000, pendingIntent);

निष्कर्ष

Android Alarm Manager में चार मुख्य प्रकार के अलार्म होते हैं, जिनका उपयोग अलग-अलग परिस्थितियों में किया जाता है। अगर कोई कार्य एक निश्चित समय पर करना हो, तो RTC अलार्म सही रहेगा, लेकिन यह डिवाइस को Wake Up नहीं कर सकता। वहीं, अगर डिवाइस को Sleep Mode से जगाना जरूरी हो, तो RTC_WAKEUP का उपयोग किया जाता है।

इसी तरह, Elapsed Time Based Alarm तब उपयोगी होते हैं, जब हमें डिवाइस के Boot Time के बाद का समय ट्रैक करना हो। अगर कार्य को Sleep Mode में भी निष्पादित करना है, तो ELAPSED_REALTIME_WAKEUP का उपयोग करें। सही Alarm Type का चयन करके हम ऐप की Battery Efficiency और Performance को बेहतर बना सकते हैं।

Advantages of Android Alarm Manager in Hindi

Android Alarm Manager एक बहुत ही शक्तिशाली API है, जो ऐप्स को बैकग्राउंड में Scheduled Tasks चलाने की सुविधा देता है। इसकी मदद से आप किसी भी कार्य को Fixed Time पर या Repeated Intervals में ऑटोमेटिक रूप से ट्रिगर कर सकते हैं। इससे न केवल ऐप की Efficiency बढ़ती है, बल्कि यूज़र को बेहतर अनुभव भी मिलता है। अब हम इसके कुछ प्रमुख Advantages को विस्तार से समझेंगे।

Android Alarm Manager के फायदे

  • ऑटोमेटेड टास्क (Automated Task Execution)
  • Alarm Manager की मदद से आप किसी भी कार्य को Automatic रूप से चला सकते हैं, जैसे कि Notification Trigger , Background Data Syncing , या Periodic Updates । इससे यूज़र को बार-बार मैन्युअल इनपुट देने की जरूरत नहीं पड़ती और ऐप ज्यादा स्मार्ट बनती है।

  • बैटरी सेविंग (Battery Efficiency)
  • जब भी हमें कोई Background Task चलाना होता है, तो उसे लगातार एक्टिव रखना बैटरी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। लेकिन Alarm Manager बैटरी की खपत को कम करने के लिए केवल तभी Process को ट्रिगर करता है, जब जरूरत हो। यह WakeLocks का सही उपयोग करके बैटरी Optimization में मदद करता है।

  • सटीक टाइमिंग (Exact Timing Execution)
  • अगर किसी ऐप में किसी कार्य को बिल्कुल Exact Time पर चलाना हो, तो Alarm Manager सबसे अच्छा विकल्प है। यह सुनिश्चित करता है कि चाहे डिवाइस Idle Mode में हो या Sleep Mode में, अलार्म निर्धारित समय पर जरूर चलेगा।

  • बैकग्राउंड प्रोसेसिंग (Efficient Background Processing)
  • कई बार हमें ऐप को बैकग्राउंड में कुछ जरूरी कार्य जैसे Data Syncing , API Calls , या Reminder Notifications भेजने की जरूरत होती है। ऐसे में Alarm Manager बिना किसी UI Interaction के बैकग्राउंड में ही प्रोसेस को चला सकता है।

  • कस्टम रिपीट इंटरवल (Custom Repeat Intervals)
  • Android Alarm Manager में हमें पूरी Flexibility मिलती है कि हम अलार्म को किसी भी Custom Interval पर सेट कर सकते हैं। चाहे हमें हर घंटे, हर दिन, या हर हफ्ते कोई कार्य दोहराना हो, यह सब हम आसानी से setRepeating() मेथड का उपयोग करके कर सकते हैं।

  • डिवाइस स्टेट इंडिपेंडेंसी (Works Even in Sleep Mode)
  • अगर कोई ऐप बैकग्राउंड में चला गया हो या डिवाइस Sleep Mode में हो, तब भी RTC_WAKEUP और ELAPSED_REALTIME_WAKEUP अलार्म डिवाइस को Wake Up करके प्रोसेस को चला सकते हैं। इससे यूज़र को बिना किसी परेशानी के जरूरी नोटिफिकेशन या कार्य मिलते रहते हैं।

Alarm Manager के उपयोग का Code Example

नीचे दिए गए कोड में हम एक RTC_WAKEUP Alarm सेट कर रहे हैं, जो हर 10 मिनट में BroadcastReceiver को ट्रिगर करेगा।

AlarmManager alarmManager = (AlarmManager) getSystemService(Context.ALARM_SERVICE); Intent intent = new Intent(this, MyBroadcastReceiver.class); PendingIntent pendingIntent = PendingIntent.getBroadcast(this, 0, intent, PendingIntent.FLAG_UPDATE_CURRENT); alarmManager.setRepeating(AlarmManager.RTC_WAKEUP, System.currentTimeMillis(), 10 60 1000, pendingIntent);

निष्कर्ष

Android Alarm Manager एक बेहद उपयोगी टूल है, जो हमें ऐप्स में Automated Tasks जोड़ने की सुविधा देता है। यह न केवल ऐप के Efficiency को बढ़ाता है, बल्कि बैटरी की खपत को भी नियंत्रित करता है। इसके जरिए हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि कोई भी कार्य Precise Timing पर ट्रिगर हो, चाहे डिवाइस Sleep Mode में ही क्यों न हो।

अगर आपको अपने ऐप में Background Task Execution , Notifications , या Repeating Tasks को मैनेज करना है, तो Alarm Manager आपके लिए सबसे सही विकल्प है। इसे सही तरीके से उपयोग करके हम Android Development को और भी आसान और प्रभावी बना सकते हैं।

Disadvantages of Android Alarm Manager in Hindi

Android Alarm Manager एक बहुत ही उपयोगी टूल है, जो हमें Background Tasks को Automate करने की सुविधा देता है। लेकिन किसी भी तकनीक के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं, और यही बात Alarm Manager पर भी लागू होती है। कुछ परिस्थितियों में यह सीमाओं के कारण उतना प्रभावी साबित नहीं होता जितना हम उम्मीद करते हैं। अब हम विस्तार से इसके Disadvantages को समझेंगे, ताकि आपको इसके सही उपयोग का बेहतर ज्ञान हो सके।

Android Alarm Manager के नुकसान

  • सटीकता की समस्या (Inaccuracy Issues)
  • Alarm Manager हमेशा सटीक समय पर कार्य नहीं करता, खासकर जब Doze Mode सक्रिय होता है। Android 6.0 (Marshmallow) और उसके बाद के वर्ज़न में बैटरी बचाने के लिए Doze Mode और App Standby फीचर जोड़े गए हैं, जो अलार्म को Delayed कर सकते हैं या कभी-कभी उसे पूरी तरह से रोक भी सकते हैं।

  • बैटरी पर प्रभाव (Battery Consumption Issue)
  • अगर Alarm Manager का सही उपयोग न किया जाए, तो यह बैटरी की अनावश्यक खपत कर सकता है। बार-बार Wake Up Alarms या Short Interval Repeating Alarms डिवाइस को बार-बार Active State में लाते हैं, जिससे बैटरी जल्दी खत्म होती है और डिवाइस की परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है।

  • वेकलॉक्स की जरूरत (Requires WakeLocks for Reliability)
  • Alarm Manager से सेट किए गए कुछ अलार्म CPU Sleep Mode के दौरान सही से काम नहीं करते। अगर आप चाहते हैं कि अलार्म बिल्कुल सही समय पर चले, तो आपको WakeLocks का उपयोग करना पड़ेगा। लेकिन WakeLocks को सही से मैनेज न किया जाए, तो यह बैटरी ड्रेनिंग और Performance Issues को जन्म दे सकता है।

  • अनावश्यक प्रोसेस शुरू करना (Unnecessary Process Execution)
  • कई बार Alarm Manager अनावश्यक रूप से बैकग्राउंड प्रोसेस को ट्रिगर करता है, जिससे CPU Overhead और Memory Consumption बढ़ जाता है। यह समस्या तब और अधिक होती है जब एक साथ कई अलार्म सेट किए जाते हैं, जिससे डिवाइस स्लो हो सकता है या ज्यादा Resource Usage होने के कारण ऐप्स क्रैश भी हो सकते हैं।

  • Real-Time Events के लिए उपयुक्त नहीं (Not Ideal for Real-Time Tasks)
  • Android Alarm Manager को किसी भी रियल-टाइम टास्क जैसे Live Updates , Instant Messaging , या Real-Time Tracking के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता। यह सिर्फ शेड्यूल किए गए टास्क को एक तय समय पर ट्रिगर करता है, लेकिन इसमें Milliseconds-Level Precision नहीं होती, जिससे समय-संवेदनशील एप्लिकेशन में यह प्रभावी साबित नहीं होता।

  • विलंबित निष्पादन (Delayed Execution in Low-Power Mode)
  • जब डिवाइस Low Power Mode या Battery Saver Mode में होता है, तो सिस्टम स्वचालित रूप से Non-Essential Background Tasks को धीमा कर देता है। ऐसे में Alarm Manager द्वारा सेट किए गए अलार्म निर्धारित समय पर नहीं चलते, जिससे ऐप की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।

Alarm Manager से जुड़ी समस्याओं का Code Example

नीचे दिए गए कोड में एक WakeLock का उपयोग करके AlarmManager का सही तरीके से उपयोग किया गया है। अगर WakeLock न लगाया जाए, तो अलार्म सही से ट्रिगर नहीं हो सकता।

PowerManager powerManager = (PowerManager) getSystemService(Context.POWER_SERVICE); PowerManager.WakeLock wakeLock = powerManager.newWakeLock(PowerManager.PARTIAL_WAKE_LOCK, "MyApp::MyWakeLock"); wakeLock.acquire(); AlarmManager alarmManager = (AlarmManager) getSystemService(Context.ALARM_SERVICE); Intent intent = new Intent(this, MyReceiver.class); PendingIntent pendingIntent = PendingIntent.getBroadcast(this, 0, intent, PendingIntent.FLAG_UPDATE_CURRENT); alarmManager.setExact(AlarmManager.RTC_WAKEUP, System.currentTimeMillis() + 60000, pendingIntent); wakeLock.release();

निष्कर्ष

Android Alarm Manager एक उपयोगी फीचर है, लेकिन इसके कुछ सीमाएँ भी हैं, जो डेवलपर्स के लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं। खासकर Doze Mode , Battery Optimization , और Delayed Execution जैसी समस्याएँ इसे हर स्थिति के लिए सही विकल्प नहीं बनातीं।

अगर आपको बैकग्राउंड प्रोसेसिंग या शेड्यूलिंग करनी हो, तो आपको JobScheduler , WorkManager , या Foreground Services जैसे अन्य विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए। सही परिस्थितियों में सही तकनीक का उपयोग करके हम Android Development को ज्यादा प्रभावी बना सकते हैं।

FAQs

Android Alarm Manager का मुख्य नुकसान यह है कि यह Doze Mode और Battery Optimization की वजह से हमेशा सटीक समय पर ट्रिगर नहीं होता। खासकर जब डिवाइस Low Power Mode में होता है, तब अलार्म में देरी हो सकती है या यह पूरी तरह से निष्क्रिय भी हो सकता है।
हां, यदि Alarm Manager का गलत उपयोग किया जाए, तो यह बैटरी जल्दी खत्म कर सकता है। खासकर Frequent Wake-Up Calls और Repeating Alarms ज्यादा बैटरी की खपत करते हैं, जिससे डिवाइस का बैकअप समय कम हो सकता है।
हां, Alarm Manager बैकग्राउंड में काम कर सकता है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह पूरी तरह से प्रभावी नहीं रहता। उदाहरण के लिए, Doze Mode और Battery Saver Mode में यह Delayed या Cancelled भी हो सकता है। इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए Foreground Service का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
इसका मुख्य कारण Android System Optimizations हैं, जैसे कि Doze Mode और App Standby । ये फीचर्स बैटरी सेविंग के लिए अलार्म को Delay कर सकते हैं। setExact() और WakeLock जैसी तकनीकों का उपयोग करके इसे कुछ हद तक रोका जा सकता है।
नहीं, Alarm Manager रियल-टाइम टास्क के लिए सही विकल्प नहीं है। यह सिर्फ Scheduled Tasks को Trigger करता है, लेकिन Milliseconds-Level Precision नहीं देता। रियल-टाइम टास्क के लिए Foreground Services या JobScheduler बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
setExactAndAllowWhileIdle() और WakeLock जैसी तकनीकों का उपयोग करने से आप Alarm Manager को देरी से चलने से रोक सकते हैं। इसके अलावा, Battery Optimization को डिसेबल करना भी एक प्रभावी उपाय हो सकता है।

Please Give Us Feedback