What is Mobile Switching Office and its function in Hindi
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Information Technology Trends
Mobile Switching Office (MSO) in Hindi
Mobile Switching Office (MSO) in Hindi
What is Mobile Switching Office and its function in Hindi
मोबाइल नेटवर्क का दिल कहलाने वाला Mobile Switching Office (MSO) वो केन्द्र है जहाँ
सभी वायरलेस कॉल्स का अंतिम निर्णय लिया जाता है कि उन्हें कहाँ भेजना है। आसान भाषा में समझें तो यह एक
Switch की तरह है जो अलग‑अलग मोबाइल यूज़र्स के बीच बात‑चीत का रास्ता तय करता है।
जब भी आप अपने फ़ोन से नंबर डायल करते हैं, सबसे पहले सिग्नल नज़दीकी Base Station पर पहुँचता है।
वहाँ से यह सिग्नल BSC (Base Station Controller) को और फिर सीधे MSO को भेजा जाता है। यहाँ
MSO कई लॉजिक लगा कर यह जाँचता है कि—
किस नेटवर्क पर कॉल करनी है, यूज़र का बैलेंस है या नहीं, कौन‑सा Route सबसे कम भीड़ वाला है,
और कॉल सेट‑अप किस टावर से होना चाहिए।
इसके बाद MSO ही वह कमान जारी करता है जिससे दो फ़ोन के बीच Voice Path (या Data Path) खुलता है।
कॉल के दौरान आवाज़ के पैकेट्स को बराबर और सुरक्षित रखना, कॉल समाप्त होते ही संसाधन वापस लेना,
और बिलिंग के लिए Call Detail Record (CDR) बनाना, यह सब MSO के मुख्य कामों में शामिल है।
MSO role in call routing and connection setup in Hindi
- Location Tracking: हर मोबाइल का पता HLR (Home Location Register) और VLR (Visitor Location Register) में रहता है। MSO इन्हीं डाटाबेस को पढ़कर तय करता है कि रिसीवर किस टावर के क्षेत्र में है।
- Route Calculation: अगर कॉल दूसरे शहर या देश में जाती है तो MSO Gateway MSC के जरिए PSTN या दूसरे मोबाइल नेटवर्क तक सबसे सस्ता व कम भीड़ वाला रास्ता चुनता है।
- Authentication & Security: AuC (Authentication Center) से की‑पासवर्ड लेकर MSO यूज़र को वैरिफ़ाई करता है, ताकि नेटवर्क में अनधिकृत प्रवेश न हो।
- Channel Allocation: यह तय करता है कि किस Frequency Channel या Timeslot में दोनों मोबाइल्स की ऑडियो डाटा भेजी‑लैटाई जाए। यदि ट्रैफ़िक हाई है तो अकसर Dynamic Channel Allocation भी यही हैंडल करता है।
- Call Setup Timing: 3‑सेकंड से भी कम समय में पूरी सेट‑अप प्रक्रिया पूरी करना MSO के Signalling System No. 7 (SS7) या नए SIP प्रोटोकॉल स्टैक पर निर्भर करता है।
- Handover Coordination: यूज़र मूव करता है तो MSO पुराने टावर से नया टावर पकड़वाता है ताकि कॉल ड्रॉप न हो; इसे Handover या Handoff कहते हैं।
MSO vs Base Station comparison in Hindi
अक्सर छात्रों को लगता है कि Base Station और MSO एक जैसे हैं, पर दोनों की भूमिका व तकनीक अलग‑अलग है। नीचे तालिका में इन्हें सरल रूप में तुलना की गई है:
| Feature | Mobile Switching Office (MSO) | Base Station (BTS) |
|---|---|---|
| मुख्य कार्य | कॉल स्विचिंग, Routing, Billing, Authentication | Radio सिग्नल भेजना‑पकड़ना, RF Coverage देना |
| भौतिक स्थान | सेंट्रल डाटा सेंटर जैसा भवन | टावर या रूफ़‑टॉप पर RF एंटेना के साथ |
| कनेक्शन प्रकार | E1/T1, Fiber, IP नेटवर्क | एंटेना से Air Interface (Uplink/Downlink) |
| प्रोटोकॉल | SS7, SIP, MAP, BSSAP | GSM Air Interface (Um), LTE (eNodeB) आदि |
| स्केल | लाखों सब्सक्राइबर हेंडल करता है | एक सेल या कुछ सैक्टरों तक सीमित |
| ऊर्जा खपत | हाई: सर्वर, स्विच, कूलिंग सिस्टम आदि | मॉडरेट: RF ट्रांसमीटर व मिनी‑पीसी |
Components of Mobile Switching System in Hindi
एक पूरा Mobile Switching System कई भागों से मिलकर बनता है, जो आपस में IP या TDM लिंक के ज़रिए जुड़ते हैं। नीचे प्रमुख components को क्रमवार समझाया गया है:
- Mobile Switching Center (MSC): यही मुख्य Digital Switch है जो कॉल का Set‑up, Release व Billing करता है।
- Home Location Register (HLR): परमानेंट डाटाबेस जहाँ हर सब्सक्राइबर की प्रोफ़ाइल, सेवाएँ, International Mobile Subscriber Identity (IMSI) व SIM जानकारी संग्रहीत रहती है।
- Visitor Location Register (VLR): अस्थाई डाटाबेस जो यह बताता है कि सब्सक्राइबर अभी किस क्षेत्र में है। यह Mobility को आसान बनाता है।
- Authentication Center (AuC): नेटवर्क सिक्योरिटी का आधार। यह SIM और नेटवर्क के बीच Cipher Key जेनरेट कर Ki वैल्यू वैरिफ़ाई करता है।
- Equipment Identity Register (EIR): हर हैंडसेट के IMEI नंबर को वैलिड, स्टोलन या ब्लैक‑लिस्टेड के रूप में वर्गीकृत करता है, ताकि चोरी के फ़ोन ब्लॉक किए जा सकें।
- Gateway MSC (G‑MSC): बाहरी PSTN या अन्य मोबाइल नेटवर्क्स के लिए प्रवेश‑द्वार। यह International Transit भी सम्भालता है।
- Operation & Maintenance Center (OMC): नेटवर्क मॉनिटरिंग, Fault Management और Configuration Tasks के लिए उपयोग किया जाता है।
- Billing Server: MSC द्वारा बनाए गए CDR को प्रोसेस कर ग्राहक का बिल तैयार करता है। आधुनिक LTE/5G में Online Charging System (OCS) भी यहीं समाहित होता है।
- Base Station Controller (BSC) / Radio Network Controller (RNC): कई BTS या eNodeB को नियंत्रित करता है, रेसोर्स अलोकेशन व Handover निर्णय MSC से शेयर करता है।