What is RTGS and its full form in Hindi
Makhanlal Chaturvedi University / BCA / Information Technology Trends
RTGS in Electronic Payment Systems
RTGS in Electronic Payment Systems
What is RTGS and its Full Form in Hindi
सबसे पहले समझते हैं कि RTGS होता क्या है। RTGS का पूरा नाम
Real Time Gross Settlement है जिसे हिंदी में रीयल टाइम ग्रॉस
सेटलमेंट कहा जाता है। रीयल टाइम का मतलब है तुरंत उसी क्षण जब लेन‑देन
आदेश बैंक को मिलता है, और Gross Settlement का अर्थ है कि पूरी राशि एक
ही बार में—बिना किसी नेटिंग के—भेजी जाती है। इसलिए RTGS को अक्सर सबसे तेज और
सुरक्षित इंटर‑बैंक ट्रांसफर प्रणाली
कहा जाता है क्योंकि पैसे दूसरे बैंक
में रियल टाइम में पहुंचते हैं। न्यूनतम ट्रांसफर सीमा 2 लाख ₹ होने के कारण यह
माध्यम सामान्यतः high‑value payments के लिए पसंद किया जाता है।
आरंभ में RTGS सिर्फ working hours के दौरान उपलब्ध था, लेकिन से 24×7×365 कर दिया गया, जिससे किसी भी दिन और किसी भी समय तुरंत भुगतान संभव हो गया। यह सुविधा RBI द्वारा नियंत्रित होती है और सभी commercial banks को इस सिस्टम से जुड़ना जरूरी है, ताकि देश में तेज, पारदर्शी एवं सुरक्षित भुगतान संरचना बनी रहे।
Features of RTGS in Electronic Payment Systems in Hindi
- Real‑Time Processing : आदेश डालते ही पैसे तत्काल लाभार्थी के बैंक Account में क्रेडिट हो जाते हैं; किसी प्रकार का बैंचिंग या बैच प्रोसेस नहीं होता।
- High‑Value Focus : न्यूनतम राशि 2 लाख ₹ होने से यह बड़े भुगतान के लिए डिज़ाइन किया गया है—उदा. प्रॉपर्टी डील, व्हीकल पेमेंट, बिज़नेस to बिज़नेस लेन‑देन।
- No Upper Limit : अधिकतम सीमा नहीं है, जिससे बहुत बड़े लेन‑देन भी आराम से किए जा सकते हैं।
- 24×7×365 Availability : अब यह सुविधा हर दिन, हर समय चालू रहती है—अर्थात संडे और बैंक हॉलिडे पर भी।
- Gross Settlement : राशि एकल ट्रांसफर में सेटल होती है; नेटिंग या क्लबिंग नहीं, जिससे जोखिम घट जाता है।
- Secure Architecture : RBI‑केंद्रित RTGS Gateway पर पूरी ट्रांजैक्शन AES encryption के साथ गुजरती है; हर कदम पर digital signature जांचा जाता है।
- Transaction Reference : हर ट्रांसफर को Unique Transaction Reference (UTR) नंबर मिलता है, जिससे ट्रैकिंग और audit आसान रहता है।
- Charge Structure : RBI ने 2019 से बैंकों के ऊपर लगाए गए
प्रोसेसिंग charges हटा दिए; अधिकतर बैंक अब
Zero Charges
या बहुत मामूली शुल्क लेते हैं, जिससे ग्राहक friendly बन गया है।
इन सुविधाओं का मुख्य उद्देश्य payment risk कम करना, अर्थव्यवस्था में liquidity बढ़ाना और बड़े ट्रांसफरों को तुरंत निपटाना है। व्यापारी या कोई भी व्यक्ति जिसे समय‑संवेदी उच्च‑मूल्य भुगतान करना हो, वह RTGS का चयन करता है ताकि फंड settlement में देरी बिलकुल न हो।
RTGS vs NEFT and IMPS in Hindi
अब देखते हैं कि RTGS, NEFT और IMPS के बीच मुख्य अंतर क्या हैं। नीचे दी गई तालिका आपकी तेजी से तुलना करने में मदद करेगी:
| Parameter | RTGS | NEFT | IMPS |
|---|---|---|---|
| Settlement Type | Real Time & Gross | Half‑hourly Batch | Real Time & Gross |
| Minimum Amount | ₹ 2 लाख | No Minimum | ₹ 1 |
| Maximum Amount | No Limit | No Limit (bank‑specific) | ₹ 5 लाख (कुछ बैंक ₹10 लाख तक) |
| Availability | 24×7×365 | 24×7×365 | 24×7×365 |
| Ideal Use Case | High‑value, urgent payments | Routine payments up to medium value | Instant small‑to‑medium value, mobile friendly |
| Network | RBI RTGS Gateway | RBI NEFT Clearing | NPCI IMPS Switch |
| Charges | Usually Nil / Low | Nil / Low | Low (mostly Nil for Saving A/C) |
| Speed | Seconds | 15‑30 min (batch) | Seconds |
| Beneficiary Details | Account Number + IFSC | Account Number + IFSC | Mobile Number + MMID or Account Number + IFSC |
संक्षेप में, यदि आपको high‑value राशि तुरंत ट्रांसफर करनी है तो RTGS सर्वोत्तम विकल्प है; छोटे या रोज़मर्रा के भुगतान के लिए NEFT और IMPS अधिक सुविधाजनक साबित होते हैं।
How to Use RTGS in Bank Transactions in Hindi
चलिए अब चरण‑दर‑चरण सीखते हैं कि बैंक लेन‑देन में RTGS का उपयोग कैसे करें। नीचे online (Internet Banking / Mobile Banking) और offline (बैंक शाखा) दोनों तरीकों को विस्तार से बताया गया है।
1. Online RTGS (Internet & Mobile Banking)
- Login करें : अपने बैंक के Internet Banking या Mobile Banking app में सुरक्षित तरीके से लॉग‑इन करें।
- Add Beneficiary :
Add Payee
याAdd Beneficiary
सेक्शन में जाकर Account Number, Account Type (Saving/Current), IFSC कोड और लाभार्थी का नाम भरें। Cooling Period (आमतौर पर 30 मिनट से 4 घंटे) के बाद ही आप ट्रांसफर कर पाएंगे—यह सुरक्षा कारणों से होता है। - Select Transfer Type : भुगतान स्क्रीन में
RTGS
विकल्प चुनें। - Enter Amount : राशि 2 लाख ₹ या उससे अधिक दर्ज करें। यदि आप 2 लाख ₹ से कम डालेंगे तो सिस्टम स्वतः NEFT या IMPS सुझाएगा।
- Schedule or Pay Now :
Pay Now
चुनें ताकि तुरंत ट्रांसफर हो;Schedule
चुनकर भविष्य तिथि पर भी सेट कर सकते हैं। - Authenticate : OTP या Transaction Password दर्ज करें।
- Confirmation : स्क्रीन पर UTR Number दिखेगा; इसे नोट करें। कुछ ही सेकंड में लाभार्थी के अकाउंट में पैसा पहुंच जाएगा।
2. Offline RTGS (Branch Mode)
- RTGS Form भरे : बैंक काउंटर से RTGS / NEFT फॉर्म लें। इसमें Beneficiary Name, Account Number, Bank Name, Branch, IFSC व राशि लिखें।
- Cheque Attach करें : कुछ बैंक सुरक्षा के तौर पर आपकी चेक Leaf भी लगवाते हैं। यदि आवश्यक हो तो Payee का नाम SELF लिखा हुआ Cheque संलग्न करें।
- Identity Proof : कभी‑कभी KYC के लिए Aadhaar या PAN दिखाना पड़ता है।
- Submit Form : फॉर्म जमा करने पर बैंक कर्मचारी डेटा को RTGS Gateway में फीड करता है और आपको Customer Acknowledgment Slip देता है।
- Processing & UTR : आमतौर पर 5‑10 मिनट में प्रक्रिया पूरी होकर UTR जनरेट हो जाता है; आप SMS या Email alert देख सकते हैं।
3. Tips & Precautions (उपयोगी सुझाव)
- हमेशा IFSC और Account Number दो‑बारी जांचें; एक अक्षर भी गलत होने पर पैसा गलत अकाउंट में जा सकता है।
- UTR Number सुरक्षित रखें; भविष्य में किसी dispute या आवश्यकता पर यह ट्रैकिंग के काम आता है।
- आरबीआई के निर्देश अनुसार बैंक staff किसी भी परिस्थितियों में आपसे OTP फोन पर नहीं पूछेगा; साझा न करें।
- स्पैम SMS या phishing email से सावधान रहें जो आपको नकली लिंक पर ले जाकर लॉग‑इन कराने की कोशिश करते हैं।
- यदि अधिक राशि बार‑बार भेजनी हो तो transaction limit अपने Net Banking प्रोफाइल में समय से बढ़ा लें, ताकि आख़िरी समय में अड़चन न हो।
- RTGS विफल होने पर refund अधिकतम T+1 working day में मिलना चाहिए; यदि न मिले तो तुरंत बैंक की customer care या Ombudsman से शिकायत करें।